


Historyकश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणांचल प्रदेश तक देश की करोड़ों आस्था व जनता ने सालों से एक ही स्वप्न देखा था प्रभु श्री राम जन्मभूमि में भव्य मंदिर के निर्माण के साथ साथ अयोध्या को उसके प्राचीन गौरवशाली रूप में देखना और सैकड़ों सालों के संघर्ष हज़ारों लोगों के बलिदान लाखों लोगों के धैर्य और करोड़ों लोगों की अटूट आस्था के कारण ये स्वप्न साकार हुआ भाद्रपद द्वितीय संवत दो हज़ार सतत्तर तदनुसार पाँच अगस्त सन दो हज़ार बीस को अभिजीत मुहूर्त में जब देश के यशस्वी और जनप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से भगवान श्री राम के भव्य मंदिर हेतु भूमि पूजन हुआ एक ओर जहाँ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से इस स्वप्न को साकार करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पूरी एकाग्रता से लगे हुए हैं वहीं उनके मार्गदर्शन में सप्तपुरियों में प्रथम अयोध्या को उसका गौरवशाली स्वरूप देने श्रद्धालुओं के सुविधा और उन्हें सुखद और समृद्ध अनुभव देने के लिए विभिन्न परियोजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है स्वप्न एक है अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर प्रमुखतम आध्यात्मिक धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित करना इस स्वप्न को साकार करने के लिए तीन लक्ष्य निर्धारित किए गए है पहला अयोध्या आस्था क्षेत्र को सनातन परंपरा के अनुसार आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करना दूसरा अयोध्या आस्था क्षेत्र को सर्व समावेशी वैश्विक पर्यटन स्थली के रूप में विकसित करना और तीसरा अयोध्या विकास क्षेत्र को सतत आत्मनिर्भर नगर के अनुरूप विकसित करना विभिन्न परियोजनाओं का विवरण इस प्रकार है अयोध्या पहुँचने के लिए वायु मार्ग को सुगम बनाने के लिए अध्यात्मिक मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का सुखद रेल यात्रा के लिए अयोध्या रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाना और सुविधा जनक सड़क यात्रा के लिए विभिन्न शहरों से अयोध्या पहुँचने वाले मार्ग को चार और छह लेन में परिवर्तित किया जाना अयोध्या में आने वाले छह प्रमुख मार्गों पर श्री राम मंदिर के डिज़ाइन से प्रेरित भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाने की योजना है इसके साथ ही धर्मशालाओं का निर्माण भी प्रस्तावित है जिनमें तीस हज़ार श्रद्धालु रात्रि विश्राम कर सकते हैं. भव्य अयोध्या की परिकल्पना के तहत नगर के तेरह किलोमीटर मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है. इस मार्ग के दोनों ओर रामायण कालीन वृक्षों की छाया भी उपलब्ध कराई जाएगी|